शहर में एक ही दिन में एक ही बैंक के चार खातों से चैक क्लोन कर 20 लाख रुपए उड़ानें का चौंकाने वाला मामला सामने आया है। ठगों ने यूकों बैंक की चार शाखाओं से यह रकम उड़ाई है। चाैंकाने वाली बात तो यह है कि सभी जगह ठगी का तरीका एक जैसा रहा और ठगी की रकम आरटीजीएस के जरिय कोलकाता के खातों में ट्रांसफर की गई।
जब तक खाताधारक और बैंक प्रशासन काे पता चलता इससे पहले ठगाें ने ये पैसे दूसरे खाताें में ट्रांसफर कर दिए। पूरे मामले में बैंक प्रबंधन की लापरवाही तो है ही बैंक कर्मियों की मिलीभगत से भी इनकार नहीं किया जा सकता। दरअसल, 1 लाख रुपए से बड़ी रकम के चैक के क्लीयरेंस से पहले बैंक प्रबंधन अप्रुवल लेता है, लेकिन इनमें से किसी भी मामले में बैंक प्रबंधन ने अप्रूवल नहीं लिया।
खाते से 5.65 लाख रुपए उड़ाए, बैंक बोला-गलती आपकी
केस 1- चांदपोल स्थित यूको बैंक की शाखा प्रबंधक ज्योति मीणा ने शनिवार को कोतवाली थाने में रिपोर्ट देकर बताया कि 17 जनवरी को आरटीजीएस के लिए घनश्याम नाम के खाताधारक से 35 नंबर चैक प्राप्त हुआ था। चैक की जांच कर 5,65,781 रु. आरटीजीएस के जरिए तपेश मंडल नाम के खाते में ट्रांसफर कर दिए।
पीड़ित खाताधारक व्यापारी घनश्याम के अनुसार खाते से पैसे कटने का मैसेज आते ही वह बैंक गया तो बैंक बंद हो चुका था। अगले दिन बैंक पहुंचा तो बैंक प्रशासन ने पैसे वापस करने से मना कर दिया। पीड़ित ने चैक बुक में 35 नंबर चैक लगा हुआ दिखाया तो अल्ट्रा वाॅयलेट मशीन से इसकी जांच की गई। पीड़ित का कहना है कि बैंक अफसरों ने स्वयं पीड़ित की ही गलती बताकर भेज दिया। पीड़ित ने बैंक के खिलाफ केस कराया तो शनिवार को शाखा प्रबंधक ने रिपोर्ट दर्ज करवाई है।
केस 2- गांधीनगर स्थित ब्रांच में 17 जनवरी काे एक युवक ने खाताधारक अक्षय माथुर के खाते का फर्जी चैक बनाकर अारटीजीएस के जरिए 5,45,985 रुपए किसी राज मंडल के नाम के खाते में ट्रांसफर करवा लिए। इस संबंध में शाखा प्रबंधक रामसिंह मीणा ने गांधीनगर थाने में रिपाेर्ट दर्ज करवाई है।
केस 3- यूकाे बैंक की एमआई राेड स्थित ब्रांच में 17 जनवरी काे एक व्यक्ति ने धनराजी देवी के खाते से 4.75 लाख रु. काेलकाला स्थित बीओबी के खाते में ट्रांसफर किए। फर्जी चेक से पैसा उठाने का मामला उजागर हाेने पर बैंक ने बीओबी से सम्पर्क किया तो ठगाें रकम कैनरा बैंक ट्रांसफर कर दी।
केस 4- अशाेक नगर इलाके में भगवानदास राेड स्थित ब्रांच में 17 जनवरी काे एक व्यक्ति ने एक खाताधारक अकाउंट का चेक लगाकर 495000 रुपए खाते से ट्रांसफर कर लिए। ब्रांच मैनेजर शिवराज सिंह ने अशाेक नगर थाने में मामला दर्ज करवाया है।
चूक बैंक की तरफ से, जो जरूरी कदम थे, वे उठाए ही नहीं
- एक लाख से अधिक राशि का चैक अगर आरटीजीएस के लिए आता है तो इसकी जांच के लिए दो तरीके से की जाती है।
- वाटरमार्क किया जाता है, इसमें चैक पर पानी लगाया जाता है, जिसमें चैक का कलर उतर जाएं तो उसे सही माना जाता है अन्यथा फर्जी है।
- अलट्रा वाइलेट मशीन में चैक को रखते ही चैक का हाेलाेग्राम स्पष्ट दिख जाता है। हाेलाेग्राम नहीं दिखने पर चैक को फर्जी मान जाता है।
- इसके अलावा बड़े रािश के लिए बैंक अधिकारी द्वारा खाताधारक को फोन करके सूचित किया जाता है। जवाब मिलने पर ही इसे अप्रूवल किया जाता है।
बैंक की भूमिका भी संदिग्ध
ठगों ने एक ही बैंक को चिह्नित क्यों किया है, यह बड़ा सवाल है। बैंककर्मियों की भी भूमिका संदिग्ध लग रही है। इसलिए इन सभी केसों की जांच कमिश्नरेट स्तर पर सीनियर अफसर करेंगे।आनंद श्रीवास्तव, कमिश्नर